Dhanteras Images
Dhanteras Kab Hai
धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। 2024 में धनतेरस मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ती है और विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा का पर्व है।
धनतेरस का महत्त्व
धनतेरस का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: "धन" का अर्थ है समृद्धि और "तेरस" का अर्थ है तेरहवां दिन। इस दिन का मुख्य उद्देश्य जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और धन की कामना करना है। इस दिन को विशेष रूप से समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, जो जीवन और स्वास्थ्य का प्रतीक है।
पूजा और धार्मिक महत्व
धनतेरस के दिन लोग भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता माना जाता है, इसलिए इस दिन अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए भी विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही देवी लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि की देवी हैं, उनकी पूजा कर लोग अपने घर में सुख, समृद्धि और वैभव की कामना करते हैं।
धनतेरस की शाम को दीप जलाने की परंपरा है, जिसे "यम दीपदान" कहा जाता है। इसे यमराज को समर्पित किया जाता है ताकि मृत्यु के देवता से परिवार की रक्षा हो सके। दीप जलाकर दरवाजे के बाहर रखा जाता है, जिससे जीवन में समृद्धि और सकारात्मकता बनी रहती है।
धनतेरस पर खरीदारी की परंपरा
धनतेरस को शुभ खरीदारी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी करने की प्रथा है। मान्यता है कि इस दिन नई चीजें खरीदने से पूरे साल घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। विशेष रूप से सोना और चांदी खरीदने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इसके अलावा, लोग इस दिन घर के लिए नए बर्तन, गहने और अन्य वस्त्र भी खरीदते हैं। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गई चीज़ें पूरे साल सुख और समृद्धि का प्रतीक बनती हैं। बहुत से लोग इस दिन वाहन या संपत्ति जैसी बड़ी चीज़ें भी खरीदते हैं, क्योंकि यह शुभ समय माना जाता है।
पारंपरिक रीति-रिवाज
धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि साफ-सुथरा घर देवी लक्ष्मी को आकर्षित करता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों से सजाते हैं और रंगोली बनाते हैं।
घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने की परंपरा है, जिसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, शाम को देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के बाद दीये जलाए जाते हैं, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक होते हैं।
धनतेरस पर क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- इस दिन अपने घर और व्यापार स्थल की साफ-सफाई करें।
- सोने, चांदी, और बर्तन जैसे धातुओं की खरीदारी करें।
- भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
- घर के मुख्य द्वार पर रंगोली और दीये जलाएं।
क्या न करें:
- इस दिन कर्ज या उधार देने से बचें।
- घर में नकारात्मकता फैलाने वाले कार्य न करें।
निष्कर्ष
धनतेरस केवल धन और समृद्धि की पूजा का ही पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना का भी प्रतीक है। 2024 में, यह पर्व मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को धूमधाम से मनाया जाएगा। धनतेरस की शुभ तिथि पर की गई पूजा और खरीदारी से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Final Word
मेरे प्यारे दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसन्द आई हो तो आप हमारी पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये। और सोशल मीडिया पर भी शेयर कीजिये। और कमेंट में हमें बताएं कि आपको पोस्ट कितनी पसंद आई। कमेंट करना न भूलें।
0 Comments
If You Have Any Doubts. Please Let Me Know.